नमस्ते दोस्तों! आजकल हर कोई OTT प्लेटफॉर्म का दीवाना है, है ना? Netflix, Prime Video, Disney+ Hotstar जैसे कई ऐप्स हमारी जिंदगी का हिस्सा बन गए हैं.

पर मैंने खुद देखा है कि इन प्लेटफॉर्म्स पर एक के बाद एक नए शो और फिल्में देखकर जितना मज़ा आता है, उतनी ही मुश्किल बाद में सही सब्सक्रिप्शन चुनने या उसे बनाए रखने में होती है.
बढ़ती कीमतें और ‘डिजिटल थकान’ की वजह से अक्सर समझ नहीं आता कि कौन सा रखें और कौन सा छोड़ें! तो क्या आप भी इस दुविधा में हैं कि कैसे अपनी जेब ढीली किए बिना मनोरंजन का पूरा मज़ा लें?
परेशान न हों, आप अकेले नहीं हैं. आइए, नीचे इस उलझन को सुलझाते हैं और जानते हैं कुछ कमाल के तरीके!
अपनी देखने की आदतों को पहचानें: क्या आप सच में सब कुछ देख रहे हैं?
आपकी ‘वॉच हिस्ट्री’ ही आपकी बचत की कुंजी है!
अरे दोस्तों, सच कहूँ तो हम सब इस जाल में फँसते हैं! एक नया शो आया, दोस्तों ने बताया, हमने तुरंत सब्सक्रिप्शन ले लिया. फिर कुछ दिनों बाद, अरे!
वो दूसरा वाला भी तो देखना था! और ऐसे करते-करते हमारे फोन में ढेरों OTT ऐप्स जमा हो जाती हैं. मैंने खुद देखा है, कई बार तो मुझे याद भी नहीं रहता कि कौन सी ऐप का सब्सक्रिप्शन मेरे पास है और मैं उसे इस्तेमाल कर भी रही हूँ या नहीं.
कितनी बार ऐसा हुआ है कि मैंने किसी ऐप को महीनों से खोला तक नहीं, पर उसका बिल हर महीने कटता रहता है? मेरे साथ तो ये कई बार हुआ है, और शायद आपके साथ भी होता होगा.
क्या आपने कभी अपनी “वॉच हिस्ट्री” चेक की है? एक बार बैठकर देखिए कि आप पिछले 3-6 महीनों में असल में किन प्लेटफॉर्म्स पर सबसे ज्यादा कंटेंट देख रहे हैं.
मेरा मानना है कि ये छोटा सा काम आपकी आंखें खोल देगा और आपको पता चलेगा कि आप बेवजह कितना पैसा खर्च कर रहे हैं. सच बताऊं, मेरा अनुभव कहता है कि हम 3-4 से ज़्यादा प्लेटफॉर्म्स का कंटेंट शायद ही नियमित रूप से देख पाते हैं.
तो फिर क्यों उन ऐप्स के लिए पैसे दें, जो आपके फोन में बस जगह घेरे हुए हैं? अपनी देखने की आदतों को समझना ही स्मार्ट सब्सक्रिप्शन मैनेजमेंट का पहला कदम है.
ज़रूरी बनाम ‘बस ऐसे ही’ सब्सक्रिप्शन की पहचान कैसे करें?
अब जब आपने अपनी वॉच हिस्ट्री देख ली है, तो अगला कदम आता है ‘ज़रूरी’ और ‘बस ऐसे ही’ सब्सक्रिप्शन की पहचान करना. सोचिए, क्या कोई ऐसा प्लेटफॉर्म है जिस पर आपके पसंदीदा ओरिजिनल्स आते हैं, या फिर जिस पर आप हर हफ्ते कोई नई फिल्म या शो देखते हैं?
वह आपके लिए ‘ज़रूरी’ हो सकता है. वहीं, कुछ प्लेटफॉर्म ऐसे होंगे जिन पर आपने बस एक-दो फिल्में देखीं और फिर भूल गए. इन्हें ‘बस ऐसे ही’ वाली कैटेगरी में डालिए.
मेरे पड़ोस में एक लड़का है, राहुल. उसने सभी बड़े OTT प्लेटफॉर्म्स का सब्सक्रिप्शन ले रखा था, यह सोचकर कि ‘कभी भी कुछ भी देखने को मिल जाएगा’. पर जब उसने अपनी वॉच हिस्ट्री देखी, तो हैरान रह गया.
वह 80% समय सिर्फ दो प्लेटफॉर्म्स पर ही कंटेंट देख रहा था! बाकी के लिए वो हर महीने लगभग ₹1000 से ₹1500 बेवजह दे रहा था! उसने तुरंत उन ऐप्स को हटा दिया जिन्हें वह इस्तेमाल नहीं करता था और उसकी महीने की बचत काफी बढ़ गई.
यह सिर्फ राहुल की कहानी नहीं है, यह हम सब की कहानी हो सकती है. अपने कंटेंट की प्राथमिकता तय करें. क्या आपको बॉलीवुड मसाला फिल्में पसंद हैं या हॉलीवुड की एक्शन थ्रिलर?
क्या आप डॉक्यूमेंट्री और शिक्षाप्रद शो के दीवाने हैं या फिर रीजनल कंटेंट आपकी पहली पसंद है? आपकी पसंद के अनुसार, आप उन प्लेटफॉर्म्स पर फोकस कर सकते हैं जो उस तरह का कंटेंट सबसे अच्छे से ऑफर करते हैं.
स्मार्ट सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग और फ्री ट्रायल का जादू
‘सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग’: मेरी आज़माई हुई सबसे अच्छी तरकीब!
ये तो मेरा पर्सनल फेवरेट टिप है, और मैंने खुद इसे आज़माकर ढेर सारे पैसे बचाए हैं! ‘सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग’ का मतलब है कि आप एक समय में सिर्फ उन्हीं OTT प्लेटफॉर्म्स का सब्सक्रिप्शन रखें, जिन पर आप सक्रिय रूप से कंटेंट देख रहे हैं.
मान लीजिए, आपको Netflix पर एक नई वेब सीरीज़ देखनी है जो अभी-अभी रिलीज़ हुई है. आप एक महीने का Netflix सब्सक्रिप्शन लें, उस सीरीज़ को देखें, और फिर सब्सक्रिप्शन कैंसल कर दें.
जब किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर कोई और दिलचस्प शो आता है, तो आप उस प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन लें. इस तरह, आप हर महीने सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए पैसे देने के बजाय, केवल उन्हीं के लिए भुगतान करते हैं जिन्हें आप इस्तेमाल कर रहे होते हैं.
यह सुनकर थोड़ा अटपटा लग सकता है, पर यकीन मानिए, ये बहुत असरदार है. मैंने खुद इस तरीके से अपने OTT खर्च को लगभग आधा कर दिया है. इससे आप डिजिटल थकान से भी बचते हैं, क्योंकि आपके पास हमेशा ‘क्या देखें’ का स्पष्ट जवाब होता है.
बस एक बात का ध्यान रखें, अपनी सब्सक्रिप्शन डेट्स को कहीं नोट करके रखें, ताकि आप समय पर कैंसल करना न भूलें.
फ्री ट्रायल का इस्तेमाल करो, पर भूल मत जाना!
OTT प्लेटफॉर्म्स अक्सर नए यूज़र्स को आकर्षित करने के लिए फ्री ट्रायल ऑफर करते हैं. ये फ्री ट्रायल एक या दो हफ्तों के लिए होते हैं और आपको प्लेटफॉर्म का कंटेंट मुफ्त में देखने का मौका देते हैं.
यह एक शानदार तरीका है यह जानने का कि क्या कोई प्लेटफॉर्म आपके पैसे के लायक है या नहीं. पर इसमें एक बड़ी दिक्कत है – हम अक्सर फ्री ट्रायल लेने के बाद उसे कैंसल करना भूल जाते हैं, और फिर हमारे कार्ड से पैसे कटने शुरू हो जाते हैं.
मेरे एक दोस्त के साथ ऐसा ही हुआ था. उसने एक नए स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग ऐप का फ्री ट्रायल लिया और आईपीएल खत्म होने के बाद भूल गया. तीन महीने तक उसके अकाउंट से पैसे कटते रहे!
तो मेरी सलाह है, जब भी आप कोई फ्री ट्रायल लें, तुरंत अपने कैलेंडर में या रिमाइंडर ऐप में ट्रायल खत्म होने की तारीख से एक दिन पहले का रिमाइंडर सेट कर लें.
अगर आपको वह प्लेटफॉर्म पसंद नहीं आता या आपको लगता है कि आप उसे आगे इस्तेमाल नहीं करेंगे, तो तुरंत उसे कैंसल कर दें. फ्री ट्रायल का स्मार्ट तरीके से इस्तेमाल करने से आप बिना पैसे खर्च किए नए-नए कंटेंट का अनुभव कर सकते हैं और बचत भी कर सकते हैं.
परिवार और दोस्तों के साथ खुशियां बांटें, बिल भी!
मिलकर उठाएं फायदा: अकाउंट शेयरिंग के सही तरीके
दोस्तों, मनोरंजन का मज़ा दुगना हो जाता है जब उसे अपनों के साथ बांटा जाए, है ना? और आजकल के OTT प्लेटफॉर्म्स हमें ये सुविधा देते हैं कि हम अपने अकाउंट्स परिवार या दोस्तों के साथ शेयर कर सकें.
कई प्लेटफॉर्म्स मल्टी-डिवाइस सपोर्ट देते हैं, जिसका मतलब है कि एक ही सब्सक्रिप्शन प्लान पर कई लोग अलग-अलग स्क्रीन पर एक साथ कंटेंट देख सकते हैं. मेरा एक कॉलेज का ग्रुप है.
हम चार दोस्त मिलकर एक प्रीमियम OTT सब्सक्रिप्शन लेते हैं. इससे होता ये है कि हममें से हर एक को पूरे प्लान की कीमत का सिर्फ एक चौथाई ही देना पड़ता है. सोचिए, कितनी बचत हो जाती है!
लेकिन हाँ, कुछ प्लेटफॉर्म्स ने अकाउंट शेयरिंग को लेकर अपनी नीतियां सख्त कर दी हैं, खासकर घर से बाहर वालों के लिए, इसलिए हमेशा प्लेटफॉर्म की शर्तों को ध्यान से पढ़ना जरूरी है.
पर अगर आप परिवार के सदस्यों या बहुत भरोसेमंद दोस्तों के साथ शेयर करते हैं जो एक ही घर में रहते हैं या कम से कम एक ही शहर में हैं, तो यह एक बहुत ही प्रैक्टिकल तरीका है पैसे बचाने का.
इससे न सिर्फ आपकी जेब पर बोझ कम होता है, बल्कि साथ में देखने का मज़ा भी बढ़ जाता है और कभी-कभी तो हम नए शोज भी एक दूसरे को सुझाते रहते हैं.
ग्रुप प्लान्स: क्या ये वाकई फायदेमंद हैं?
अकाउंट शेयरिंग से भी एक कदम आगे बढ़कर कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स और टेलीकॉम कंपनियां ‘ग्रुप प्लान्स’ या ‘फैमिली प्लान्स’ ऑफर करती हैं. ये प्लान्स खास तौर पर परिवार के सदस्यों या एक ही ग्रुप के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं, जहां एक मुख्य व्यक्ति सब्सक्रिप्शन लेता है और फिर अन्य सदस्यों को अपने अकाउंट में जोड़ सकता है.
इन प्लान्स की खासियत यह है कि इनकी प्रति व्यक्ति लागत काफी कम हो जाती है. उदाहरण के तौर पर, JioHotstar का प्रीमियम प्लान अगर चार लोग मिलकर खरीदें तो प्रति व्यक्ति खर्च काफी कम हो जाता है.
यह उन परिवारों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है जहाँ हर सदस्य की अपनी पसंद है और सब अलग-अलग कंटेंट देखना चाहते हैं. मैंने देखा है कि मेरे कज़िन की फैमिली ने ऐसा ही एक प्लान ले रखा है.
उनके घर में बच्चे कार्टून देखते हैं, मम्मी-पापा टीवी शो और वेब सीरीज और दादा-दादी पुराने सीरियल. एक ही प्लान पर सबको अपनी पसंद का कंटेंट मिल जाता है और बिल भी एक साथ आता है, जिससे मैनेजमेंट आसान हो जाता है.
इन ग्रुप प्लान्स में अक्सर बेहतर वीडियो क्वालिटी (जैसे 4K) और ज़्यादा स्क्रीन एक्सेस जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं, जो अलग-अलग सब्सक्रिप्शन लेने पर महंगी पड़ सकती हैं.
बंडल डील्स और टेलीकॉम ऑफर्स: छिपी हुई बचत के रास्ते
क्या आपके इंटरनेट या मोबाइल प्लान के साथ कुछ फ्री मिल रहा है?
दोस्तों, क्या आपने कभी अपने मोबाइल या इंटरनेट प्रोवाइडर के प्लान्स को ध्यान से देखा है? आजकल Jio, Airtel, Vodafone Idea और Tata Play जैसी टेलीकॉम कंपनियां अपने पोस्टपेड, प्रीपेड या ब्रॉडबैंड प्लान्स के साथ कई OTT सब्सक्रिप्शन मुफ्त में देती हैं.
मैंने खुद देखा है कि मेरे Airtel Fiber प्लान के साथ Disney+ Hotstar और Amazon Prime Video का सब्सक्रिप्शन फ्री में मिल गया था. मुझे तो पहले लगा कि ये बस कुछ समय के लिए होगा, पर जब मैंने बिल चेक किया, तो वो मेरे प्लान का ही हिस्सा था!
ये एक ऐसी जगह है जहाँ हम अक्सर ध्यान नहीं देते और बिना बात के पैसे खर्च करते रहते हैं. एक बार अपने मौजूदा टेलीकॉम या इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर से ज़रूर पता करें कि उनके कौन से प्लान्स के साथ कौन से OTT सब्सक्रिप्शन बंडल में मिल रहे हैं.
कई बार आपको पता चलेगा कि जिस ऐप के लिए आप अलग से भुगतान कर रहे थे, वो तो आपके मौजूदा प्लान में पहले से ही शामिल है! यह एक ‘छिपी हुई बचत’ है जिसे अक्सर लोग नज़रअंदाज़ कर देते हैं, पर यकीन मानिए, इससे सालाना अच्छी खासी रकम बच सकती है.
OTT बंडल: एक में सब कुछ, पर क्या यह आपके लिए है?
टेलीकॉम कंपनियों के ऑफर्स के अलावा, कुछ ऐप्स खुद भी ‘OTT बंडल’ या ‘सुपर-ऐप्स’ ऑफर करती हैं, जहाँ आपको एक ही कीमत पर कई OTT प्लेटफॉर्म्स का एक्सेस मिल जाता है.
Tata Play Binge, OTTplay, Times Prime जैसे प्लेटफॉर्म्स इसके अच्छे उदाहरण हैं. ये आपको एक सब्सक्रिप्शन में 10 से 20 या उससे भी ज़्यादा स्ट्रीमिंग ऐप्स का फायदा दे सकते हैं.
सुनने में तो यह बहुत अच्छा लगता है, ‘एक बिल, कई OTT’. पर यहाँ आपको थोड़ा स्मार्ट होना होगा. क्या आप उन सभी प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करेंगे जो इस बंडल में मिल रहे हैं?
अगर हाँ, तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि अलग-अलग सब्सक्रिप्शन लेने से यह काफी सस्ता पड़ेगा. मेरे एक दोस्त ने ऐसा ही एक बंडल प्लान लिया था, क्योंकि उसे स्पोर्ट्स, हॉलीवुड मूवीज़ और हिंदी सीरीज़ सब कुछ देखना था, और उस बंडल में उसकी सारी ज़रूरतें पूरी हो रही थीं.
लेकिन अगर आप उन ऐप्स में से सिर्फ 2-3 ही इस्तेमाल करने वाले हैं, तो शायद अलग से उन ऐप्स का सब्सक्रिप्शन लेना ज़्यादा किफायती होगा. इसलिए, कोई भी बंडल प्लान लेने से पहले, अपनी ज़रूरतें और उन ऐप्स की लिस्ट ज़रूर चेक करें जो बंडल में शामिल हैं.
विज्ञापन-आधारित प्लान्स: सस्ते मनोरंजन का नया ज़रिया?
पैसे बचाना है तो थोड़े विज्ञापन झेलने पड़ेंगे!
पिछले कुछ सालों में, मैंने देखा है कि बहुत से बड़े OTT प्लेटफॉर्म्स, जैसे Netflix और Disney+ Hotstar, ने विज्ञापन-आधारित (Ad-supported) प्लान्स लॉन्च किए हैं.
ये प्लान्स बिना विज्ञापन वाले प्रीमियम प्लान्स से काफी सस्ते होते हैं. अगर आपकी जेब थोड़ी तंग है और आप मनोरंजन का पूरा मज़ा लेना चाहते हैं, तो यह एक बढ़िया विकल्प हो सकता है.
हाँ, बीच-बीच में थोड़े विज्ञापन देखने पड़ते हैं, पर सोचिए, टीवी पर तो हम बचपन से ही विज्ञापन देखते आ रहे हैं, है ना? तो अगर कुछ मिनटों के विज्ञापन देखने से आपके सैकड़ों रुपये बचते हैं, तो यह कोई बुरा सौदा नहीं है.
मेरे एक दूर के रिश्तेदार हैं जो रिटायर्ड हैं. उनके लिए हर महीने महंगे OTT सब्सक्रिप्शन लेना मुश्किल था, पर उन्हें फिल्में और सीरीज़ देखने का बहुत शौक है.
जब उन्होंने Netflix का विज्ञापन-आधारित प्लान लिया, तो वे बहुत खुश हुए क्योंकि उन्हें कम कीमत पर मनोरंजन मिल गया. उनका कहना था, “थोड़े विज्ञापन क्या, हम तो पहले भी झेलते थे, अब पैसे बच रहे हैं तो और क्या चाहिए!”
क्या कम कीमत वाले प्लान आपकी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं?
अब सवाल ये उठता है कि क्या ये सस्ते, विज्ञापन-आधारित प्लान्स आपकी उम्मीदों पर खरे उतरते हैं? मेरा जवाब है, काफी हद तक हाँ! बेशक, आपको बीच-बीच में विज्ञापन देखने को मिलेंगे, पर अक्सर ये विज्ञापन इतने लंबे या इतने ज़्यादा नहीं होते कि आपके देखने का अनुभव पूरी तरह से खराब हो जाए.
बल्कि, कई प्लेटफॉर्म्स अब पर्सनलाइज़्ड विज्ञापन दिखाते हैं, यानी वो विज्ञापन जो आपकी पसंद और नापसंद के हिसाब से होते हैं, तो कई बार वे उतने परेशान करने वाले नहीं लगते.
इन प्लान्स में अक्सर वीडियो क्वालिटी और स्क्रीन की संख्या जैसी बाकी सुविधाएं प्रीमियम प्लान्स जैसी ही होती हैं. उदाहरण के लिए, आप अभी भी HD क्वालिटी में कंटेंट देख सकते हैं और कुछ प्लान्स में आप एक साथ कई स्क्रीन पर देख सकते हैं.
इसलिए, अगर आपको पैसे बचाने हैं और विज्ञापनों से कोई खास दिक्कत नहीं है, तो विज्ञापन-आधारित प्लान्स एक बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. बस एक बार चेक कर लें कि आपकी पसंदीदा ऐप ऐसे प्लान्स ऑफर कर रही है या नहीं और उसमें क्या-क्या सुविधाएं मिल रही हैं.
यह वाकई में मनोरंजन को किफायती बनाने का एक अच्छा तरीका है.
अपनी ज़रूरतों के हिसाब से सब्सक्रिप्शन चुनें: प्रीमियम बनाम किफायती
प्रीमियम का मतलब हमेशा बेहतर नहीं!
अक्सर हमें लगता है कि जो प्लान सबसे महंगा है, वही सबसे अच्छा होगा. प्रीमियम प्लान मतलब 4K रेजोल्यूशन, डॉल्बी एटमॉस साउंड, एक साथ 4 स्क्रीन पर देखना और न जाने क्या-क्या!
पर सच कहूँ तो, क्या हमें इन सब चीज़ों की हमेशा ज़रूरत होती है? मेरा अनुभव तो कहता है, नहीं. मान लीजिए, आपके पास सिर्फ एक स्मार्टफोन है या एक साधारण टीवी है जो 4K सपोर्ट नहीं करता, तो फिर 4K सब्सक्रिप्शन लेने का क्या फायदा?

आप बेवजह पैसे खर्च कर रहे हैं. मुझे याद है, मेरे एक दोस्त ने Netflix का सबसे महंगा प्लान ले रखा था, जबकि उसके पास सिर्फ एक छोटा सा लैपटॉप था और वह अक्सर मोबाइल पर ही कंटेंट देखता था.
जब मैंने उससे पूछा, तो उसने कहा, “पता नहीं यार, बस ले लिया.” ऐसे में, वह हर महीने सैकड़ों रुपये ज़्यादा दे रहा था, जिसका उसे कोई फायदा नहीं मिल रहा था.
हमेशा अपनी डिवाइस और अपनी देखने की आदतों के हिसाब से प्लान चुनें. अगर आप अकेले देखते हैं और सिर्फ HD क्वालिटी काफी है, तो बेसिक या स्टैंडर्ड प्लान ही लें.
ज़रूरी नहीं कि प्रीमियम का मतलब हमेशा ‘आपके लिए बेहतर’ हो.
एक साथ बहुत सारे सब्सक्रिप्शन से बचें
यह आजकल की सबसे बड़ी समस्या है – ‘डिजिटल क्लटर’. मेरे फोन में ही देखिए, कम से कम 7-8 OTT ऐप्स तो होंगी ही. और सच कहूँ तो, मैं उनमें से शायद 3-4 ही रेगुलरली इस्तेमाल करती हूँ.
जब हमारे पास बहुत सारे सब्सक्रिप्शन होते हैं, तो हम अक्सर उनमें से किसी का भी पूरा फायदा नहीं उठा पाते. हम एक ऐप पर थोड़ा कंटेंट देखते हैं, फिर सोचते हैं ‘चलो, दूसरी पर कुछ नया देखते हैं’, और इस चक्कर में हमारा समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है.
यह एक मनोवैज्ञानिक जाल है. हमें लगता है कि जितने ज़्यादा सब्सक्रिप्शन होंगे, उतने ही ज़्यादा विकल्प होंगे और उतना ही ज़्यादा मज़ा आएगा. पर असल में, यह हमें भ्रमित कर देता है और हमें यह तय करने में और ज़्यादा समय लगता है कि क्या देखें.
मेरा मानना है कि 2-3 मुख्य प्लेटफॉर्म्स रखें जिन पर आपका पसंदीदा कंटेंट आता है, और बाकियों को सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग वाले तरीके से मैनेज करें. इससे आप फोकस्ड रहेंगे, अपनी जेब बचाएंगे और अपनी डिजिटल लाइफ को भी थोड़ा व्यवस्थित कर पाएंगे.
सालाना प्लान्स की ताकत और ऑफर्स पर नज़र
मंथली नहीं, सालाना प्लान से करें ज़्यादा बचत!
दोस्तों, यह एक बहुत ही सीधा और असरदार तरीका है पैसे बचाने का! अगर आप किसी OTT प्लेटफॉर्म को नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं और आपको पता है कि आप उसे पूरे साल देखने वाले हैं, तो मंथली सब्सक्रिप्शन लेने के बजाय हमेशा सालाना प्लान चुनें.
मैंने खुद इस बात पर गौर किया है कि ज़्यादातर OTT प्लेटफॉर्म्स अपने सालाना प्लान्स पर अच्छी खासी छूट देते हैं. उदाहरण के लिए, एक मंथली प्लान की कीमत जो आपको ₹299 पड़ रही है, वहीं उसका सालाना प्लान आपको प्रति माह के हिसाब से कहीं ज़्यादा सस्ता पड़ सकता है, जिससे आपको साल भर में ₹2000 से भी ज़्यादा की बचत हो सकती है.
यह एक ऐसी डील है जिसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए. मुझे याद है, मेरे भाई ने पहले हमेशा मंथली प्लान लिया. जब मैंने उसे हिसाब करके बताया कि वह साल में कितना ज़्यादा खर्च कर रहा है, तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने तुरंत सालाना प्लान में स्विच कर लिया.
यह एक छोटा सा बदलाव है, पर इसका असर आपकी जेब पर बहुत बड़ा होता है. यह सिर्फ पैसों की बचत नहीं है, बल्कि एक बार में पूरे साल का भुगतान कर देने से आपको हर महीने रिन्यूअल की चिंता भी नहीं रहती और आप निश्चिंत होकर कंटेंट का मज़ा ले सकते हैं.
त्योहारों और खास मौकों पर मिलने वाले ऑफर्स
भारत त्योहारों का देश है, और खुशी की बात यह है कि OTT प्लेटफॉर्म्स भी इस मौके का फायदा उठाते हुए यूज़र्स को लुभावने ऑफर्स देते हैं! दिवाली, होली, ईद, नया साल या फिर किसी बड़े स्पोर्ट्स इवेंट (जैसे IPL या वर्ल्ड कप) के दौरान अक्सर आपको OTT सब्सक्रिप्शन पर बंपर डिस्काउंट या स्पेशल बंडल डील्स मिल जाएंगी.
मेरा सुझाव है कि आप हमेशा इन ऑफर्स पर नज़र रखें. ये डील्स अक्सर सीमित समय के लिए होती हैं, पर अगर आप सही समय पर इनका फायदा उठा लेते हैं, तो आपकी अच्छी खासी बचत हो सकती है.
मुझे याद है, पिछले साल दिवाली पर मुझे एक लोकप्रिय OTT प्लेटफॉर्म का सालाना सब्सक्रिप्शन आधे दाम पर मिल गया था! यह ऐसी डील्स होती हैं जो साल में एक-दो बार ही आती हैं, इसलिए इनकी जानकारी रखना बहुत ज़रूरी है.
आप इन प्लेटफॉर्म्स के न्यूज़लेटर्स को सब्सक्राइब कर सकते हैं या सोशल मीडिया पर उनके पेज को फॉलो कर सकते हैं, ताकि कोई भी ऑफर आपसे छूटे नहीं. यह एक स्मार्ट तरीका है अपनी पसंदीदा मनोरंजन सामग्री का आनंद कम कीमत पर लेने का.
पुराने और नए कंटेंट का सही संतुलन
क्या आप सिर्फ नए शोज के लिए पैसा दे रहे हैं?
अक्सर हम नए शोज या फिल्मों के क्रेज़ में पड़ जाते हैं और जिस प्लेटफॉर्म पर वो रिलीज़ होते हैं, तुरंत उसका सब्सक्रिप्शन ले लेते हैं. इसमें कोई बुराई नहीं है, आखिर हम सभी कुछ नया देखना चाहते हैं.
पर मैंने देखा है कि कई लोग सिर्फ नए कंटेंट के लिए ही लगातार अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर पैसे खर्च करते रहते हैं, जबकि उनके पास पहले से ही कई प्लेटफॉर्म्स पर ढेरों पुरानी फिल्में और शोज होते हैं जो उन्होंने शायद देखे भी नहीं होते!
सोचिए, एक प्लेटफॉर्म पर सैकड़ों फिल्में और सीरीज़ पहले से मौजूद हैं, पर आप उन्हें छोड़ कर किसी नई चीज़ के पीछे भाग रहे हैं. यह कुछ ऐसा है जैसे आपके फ्रिज में ढेरों स्वादिष्ट खाना हो और आप बाहर से कुछ नया ऑर्डर कर रहे हों.
मेरा अनुभव कहता है कि हमें नए और पुराने कंटेंट के बीच एक संतुलन बनाना चाहिए. अगर आप एक नए शो के लिए सब्सक्रिप्शन लेते हैं, तो कोशिश करें कि उस प्लेटफॉर्म पर मौजूद कुछ पुराने लेकिन अच्छे शोज या फिल्में भी देख लें.
इससे आपके पैसे की पूरी वसूली होगी और आपको नए-नए अनुभव भी मिलेंगे.
पुराने कंटेंट का खजाना: अनदेखे रत्नों को ढूंढें
हर OTT प्लेटफॉर्म पर न सिर्फ नया, बल्कि बहुत सारा पुराना और क्लासिक कंटेंट भी मौजूद होता है, जिसे अक्सर हम अनदेखा कर देते हैं. कई बार तो हमें पता भी नहीं होता कि हमारे पास जिन प्लेटफॉर्म्स का सब्सक्रिप्शन है, उन पर क्या-क्या बेहतरीन कंटेंट उपलब्ध है.
मुझे याद है, एक बार मैंने अपने Netflix सब्सक्रिप्शन पर “Top 10 Hindi movies of all time” की लिस्ट देखी, और मुझे पता चला कि उनमें से कई फिल्में मैंने देखी ही नहीं थीं!
फिर मैंने कुछ पुरानी क्लासिक फिल्में देखीं, और मुझे वाकई में बहुत मज़ा आया. ये पुराने शो और फिल्में अक्सर आपको एक अलग तरह का अनुभव देते हैं और इनकी कहानियां और मेकिंग आज भी उतनी ही प्रभावशाली लगती हैं.
तो मेरी सलाह है कि आप अपने मौजूदा OTT प्लेटफॉर्म्स पर थोड़ा रिसर्च करें. उनकी लाइब्रेरी में जाकर देखें कि क्या कोई ऐसा ‘अनदेखा रत्न’ है जो आपको पसंद आ सकता है.
इससे आप न सिर्फ अपने पैसे का बेहतर इस्तेमाल कर पाएंगे, बल्कि मनोरंजन के नए आयाम भी खोज पाएंगे. यह एक तरह से अपनी ही डिजिटल लाइब्रेरी को फिर से एक्सप्लोर करने जैसा है, और यकीन मानिए, इसमें आपको बहुत कुछ मिलेगा.
| OTT प्लेटफॉर्म | मुख्य कंटेंट | प्रमुख लाभ (आमतौर पर) | बचत का टिप |
|---|---|---|---|
| Netflix | अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय ओरिजिनल्स, फिल्में, वेब सीरीज़ | उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट, उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस | विज्ञापन-आधारित प्लान्स चुनें या सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग का उपयोग करें. |
| Amazon Prime Video | हॉलीवुड, बॉलीवुड फिल्में, वेब सीरीज़, प्राइम म्यूज़िक, प्राइम शिपिंग | शॉपिंग लाभों के साथ बंडल, विभिन्न भाषाओं में कंटेंट | सालाना प्लान सबसे ज़्यादा किफायती होता है. |
| Disney+ Hotstar | हॉलीवुड शोज, भारतीय फिल्में, वेब सीरीज़, लाइव स्पोर्ट्स (क्रिकेट) | लाइव स्पोर्ट्स कवरेज, बच्चों का कंटेंट | टेलीकॉम प्लान्स के साथ फ्री एक्सेस देखें या फैमिली प्लान का उपयोग करें. |
| JioCinema | फ्री कंटेंट, कुछ प्रीमियम शोज और स्पोर्ट्स | बहुत सारा कंटेंट मुफ्त में उपलब्ध, किफायती प्रीमियम प्लान्स | प्रीमियम कंटेंट के लिए ही भुगतान करें, या बंडल ऑफर देखें. |
| SonyLIV | भारतीय वेब सीरीज़, क्षेत्रीय कंटेंट, स्पोर्ट्स (फुटबॉल, WWE) | लोकप्रिय भारतीय टीवी शोज, विविध भाषाएँ | कम समय के लिए सब्सक्रिप्शन लें या पार्टनर ऑफर्स का लाभ उठाएं. |
| ZEE5 | भारतीय फिल्में, वेब सीरीज़, टीवी शोज, क्षेत्रीय कंटेंट | बड़ी भारतीय कंटेंट लाइब्रेरी, विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध | सालाना प्लान्स और टेलीकॉम बंडल्स में देखें. |
अपनी डिजिटल डाइट को मैनेज करें: स्क्रीन टाइम और कंटेंट क्वालिटी
सिर्फ देखना नहीं, सोच-समझकर देखना भी ज़रूरी है
आजकल के डिजिटल युग में, हम हर तरफ से कंटेंट से घिरे हुए हैं. सोशल मीडिया, YouTube, और OTT प्लेटफॉर्म्स… बस देखते जाओ!
पर मैंने यह महसूस किया है कि सिर्फ ‘देखना’ ही काफी नहीं है, ‘सोच-समझकर देखना’ भी उतना ही ज़रूरी है. हम कितनी बार घंटों तक बस यूँ ही स्क्रॉल करते रहते हैं, कुछ खास नहीं देखते, पर हमारा समय और ऊर्जा दोनों बर्बाद होती है?
मेरे एक दोस्त ने हाल ही में अपने स्क्रीन टाइम को ट्रैक करना शुरू किया और वो हैरान रह गया. वो दिन में 4-5 घंटे से ज़्यादा सिर्फ OTT पर बिता रहा था! उसने फिर तय किया कि वो हफ्ते में सिर्फ कुछ ही शोज देखेगा, और वो भी वही जो उसे वाकई पसंद हों.
इस आदत से न सिर्फ उसकी नींद सुधरी, बल्कि उसने अपनी हॉबीज़ के लिए भी समय निकालना शुरू कर दिया. OTT मनोरंजन के लिए है, पर इसे अपनी ज़िंदगी पर हावी नहीं होने देना चाहिए.
अपनी डिजिटल डाइट को मैनेज करना, यानी यह तय करना कि आप क्या, कितना और कब देखते हैं, आपकी मानसिक शांति और जेब दोनों के लिए अच्छा है.
कंटेंट की क्वालिटी को प्राथमिकता दें, मात्रा को नहीं
अक्सर हम सोचते हैं कि जिस प्लेटफॉर्म पर सबसे ज़्यादा फिल्में और शोज होंगे, वही सबसे अच्छा होगा. पर ज़्यादा कंटेंट का मतलब हमेशा बेहतर कंटेंट नहीं होता.
मैंने खुद देखा है कि कई बार एक ही प्लेटफॉर्म पर बहुत सारा कंटेंट होता है, पर उनमें से ज़्यादातर औसत दर्जे का होता है. मेरा सुझाव है कि आप हमेशा कंटेंट की क्वालिटी को प्राथमिकता दें, न कि उसकी मात्रा को.
उन प्लेटफॉर्म्स पर फोकस करें जो आपको आपकी पसंद का, उच्च-गुणवत्ता वाला कंटेंट देते हैं, भले ही उनकी लाइब्रेरी उतनी विशाल न हो. यह ठीक वैसा ही है जैसे आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं.
आप ऐसा रेस्टोरेंट नहीं चुनेंगे जिसमें सौ डिशेज़ हों, पर कोई भी अच्छी न हो. आप वही चुनेंगे जिसमें गिनी-चुनी डिशेज़ हों, पर सभी लाजवाब हों. अपने OTT सब्सक्रिप्शन के साथ भी यही नीति अपनाएं.
उन शोज और फिल्मों को देखें जिनके बारे में आपने अच्छे रिव्यूज़ सुने हैं, या जिन्हें आपके दोस्तों ने सराहा है. इससे आपका देखने का अनुभव बेहतर होगा, समय बचेगा और आप अपने पैसे का सही मूल्य प्राप्त कर पाएंगे.
글을마치며
तो दोस्तों, देखा न! OTT सब्सक्रिप्शन को मैनेज करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस थोड़ी सी समझदारी और प्लानिंग की ज़रूरत है. मेरा मानना है कि ये सारी बातें जो मैंने आज आपसे साझा की हैं, वो आपके बहुत काम आएंगी. अगर आप इन्हें अपनी ज़िंदगी में अपनाते हैं, तो यकीनन आप न सिर्फ अपने मनोरंजन का मज़ा दुगना कर पाएंगे, बल्कि अपनी मेहनत की कमाई को भी बेवजह खर्च होने से बचा पाएंगे. तो देर किस बात की, आज ही अपनी डिजिटल आदतों पर नज़र डालिए और एक स्मार्ट सब्सक्राइबर बनिए! अपनी जेब को खुश रखिए और बिना किसी चिंता के अपने पसंदीदा कंटेंट का आनंद लीजिए. मुझे उम्मीद है कि मेरे ये अनुभव आपके लिए मददगार साबित होंगे.
알아두면 쓸모 있는 정보
1.
अपनी वॉच हिस्ट्री का नियमित विश्लेषण करें:
यह शायद सबसे महत्वपूर्ण कदम है जो हममें से ज़्यादातर लोग अनदेखा कर देते हैं. हर 3-6 महीने में एक बार अपनी वॉच हिस्ट्री को ज़रूर चेक करें. यह आपको स्पष्ट रूप से बताएगा कि आप असल में किन प्लेटफॉर्म्स पर समय बिता रहे हैं और किन पर नहीं. मेरे एक दोस्त ने जब ऐसा किया, तो उसे पता चला कि वह एक ऐसे ऐप के लिए पैसे दे रहा था जिसका इस्तेमाल उसने पिछले छह महीनों में एक बार भी नहीं किया था! यह सिर्फ पैसे बचाने का ही नहीं, बल्कि अपनी डिजिटल आदतों को समझने का भी एक शानदार तरीका है. इससे आपको अनावश्यक सब्सक्रिप्शन को तुरंत पहचानने और उन्हें रद्द करने में मदद मिलेगी, जिससे आपकी मासिक बचत में सीधा इज़ाफ़ा होगा और आपकी मनोरंजन की दुनिया ज़्यादा केंद्रित हो जाएगी. अपनी देखने की प्राथमिकताओं को समझने से आप यह सुनिश्चित कर पाएंगे कि आपका हर रुपया सही जगह इस्तेमाल हो रहा है.
2.
‘सब्सक्रिप्शन साइक्लिंग’ को अपनाएं:
यह मेरी आज़माई हुई और सबसे पसंदीदा तरकीब है. एक समय में केवल उन्हीं OTT प्लेटफॉर्म्स का सब्सक्रिप्शन लें, जिन पर आप सक्रिय रूप से कंटेंट देख रहे हैं. अगर Netflix पर नई सीरीज़ आई है, तो एक महीने का Netflix लें, उसे खत्म करें और फिर रद्द कर दें. जब Zee5 पर कुछ नया आएगा, तो उसका सब्सक्रिप्शन ले लें. यह सुनकर थोड़ा मुश्किल लग सकता है, पर यकीन मानिए, इससे आपके OTT बिल में बहुत बड़ी कमी आएगी. मैंने खुद देखा है कि इस तरीके से मैंने अपने मासिक मनोरंजन खर्च को लगभग 40-50% तक कम कर दिया है. बस अपनी सब्सक्रिप्शन डेट्स को याद रखने के लिए एक रिमाइंडर ज़रूर सेट करें ताकि आप समय पर कैंसल कर सकें और बेवजह पैसे खर्च न हों. यह आपको डिजिटल थकान से भी बचाएगा और आप हमेशा ताज़ा कंटेंट देखने के लिए उत्साहित रहेंगे.
3.
फ्री ट्रायल का स्मार्ट इस्तेमाल करें:
नए प्लेटफॉर्म्स को आज़माने का सबसे अच्छा तरीका है उनके फ्री ट्रायल का लाभ उठाना. पर यहाँ एक कैच है – अक्सर हम ट्रायल लेने के बाद उसे कैंसल करना भूल जाते हैं और फिर पैसे कटने शुरू हो जाते हैं. मेरे एक दोस्त के साथ ऐसा ही हुआ था, जिसने एक नए ऐप का ट्रायल लिया और तीन महीने तक उसके अकाउंट से पैसे कटते रहे क्योंकि वो कैंसल करना भूल गया था! मेरी सलाह है कि जब भी आप कोई फ्री ट्रायल लें, तुरंत अपने कैलेंडर में या रिमाइंडर ऐप में ट्रायल खत्म होने की तारीख से एक दिन पहले का रिमाइंडर सेट कर लें. अगर आपको वह प्लेटफॉर्म पसंद नहीं आता, तो तुरंत उसे रद्द कर दें. इससे आप बिना पैसे खर्च किए नए कंटेंट का पता लगा पाएंगे और सिर्फ उन्हीं प्लेटफॉर्म्स के लिए भुगतान करेंगे जो वाकई आपके लिए मूल्यवान हों. यह एक छोटी सी आदत है जो आपको अनचाहे खर्चों से बचा सकती है और आपको नए अनुभवों का अवसर भी देती है.
4.
फैमिली या ग्रुप प्लान्स का लाभ उठाएं:
मनोरंजन का मज़ा परिवार और दोस्तों के साथ दोगुना हो जाता है, और जब बिल भी शेयर हो जाए तो और भी अच्छा! कई OTT प्लेटफॉर्म्स मल्टी-डिवाइस सपोर्ट या फैमिली प्लान्स ऑफर करते हैं. अगर आपके घर में कई लोग अलग-अलग कंटेंट देखते हैं, तो एक प्रीमियम फैमिली प्लान लेना प्रति व्यक्ति के हिसाब से काफी सस्ता पड़ सकता है. उदाहरण के लिए, मेरे कज़िन की फैमिली ने एक ऐसा ही प्लान लिया है जिससे उन्हें 4-5 लोगों के लिए अलग-अलग सब्सक्रिप्शन लेने के बजाय काफी बचत होती है. बस यह सुनिश्चित कर लें कि आप उन प्लेटफॉर्म्स की अकाउंट शेयरिंग नीतियों को समझते हैं और अपने विश्वसनीय लोगों के साथ ही शेयर करें. यह न सिर्फ बचत का एक शानदार तरीका है, बल्कि एक साथ मनोरंजन का आनंद लेने का भी. इससे हर सदस्य अपनी पसंद का कंटेंट देख पाता है और साथ ही पैसों की भी बचत होती है, जो वाकई में एक विन-विन सिचुएशन है.
5.
टेलीकॉम बंडल्स और सालाना ऑफर्स पर नज़र रखें:
क्या आपको पता है कि आपके मोबाइल या इंटरनेट प्लान के साथ कई OTT सब्सक्रिप्शन मुफ्त में मिल सकते हैं? Jio, Airtel, Vodafone Idea जैसी टेलीकॉम कंपनियां अक्सर अपने प्लान्स के साथ Disney+ Hotstar, Amazon Prime Video जैसे सब्सक्रिप्शन देती हैं. अपने मौजूदा प्रोवाइडर से एक बार ज़रूर पता करें कि क्या आपके प्लान में कुछ ऐसा शामिल है. साथ ही, अगर आप किसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल पूरे साल करने वाले हैं, तो मंथली सब्सक्रिप्शन के बजाय सालाना प्लान चुनें. सालाना प्लान्स पर अक्सर अच्छी खासी छूट मिलती है, जिससे आपकी सालाना बचत काफी बढ़ सकती है. त्योहारों और खास मौकों पर भी OTT प्लेटफॉर्म्स डिस्काउंट ऑफर्स निकालते हैं, इसलिए इन पर भी नज़र रखना फायदेमंद होता है. यह छोटे-छोटे कदम मिलकर आपकी जेब पर बड़ा असर डालते हैं और आपको बिना ज़्यादा खर्च किए अनलिमिटेड मनोरंजन का मज़ा लेने में मदद करते हैं.
महत्वपूर्ण बातें
तो मेरे प्यारे दोस्तों, OTT मनोरंजन की दुनिया बहुत बड़ी है और इसमें खो जाना बहुत आसान है. लेकिन मेरी सलाह है कि आप हमेशा एक ‘स्मार्ट सब्सक्राइबर’ बनें. अपनी डिजिटल आदतों को समझें, ज़रूरत से ज़्यादा सब्सक्रिप्शन से बचें और हमेशा पैसे बचाने के नए तरीकों की तलाश में रहें. याद रखें, आपका मनोरंजन महत्वपूर्ण है, लेकिन आपकी मेहनत की कमाई उससे कहीं ज़्यादा. ‘ज़रूरी बनाम बस ऐसे ही’ की पहचान करना सीखें और अपनी वॉच हिस्ट्री को अपनी बचत की कुंजी बनाएं. फ्री ट्रायल का बुद्धिमानी से उपयोग करें, परिवार के साथ मिलकर खर्च बांटें और उन बंडल डील्स और टेलीकॉम ऑफर्स पर ध्यान दें जो आपके पैसे बचा सकते हैं. यह सब सिर्फ पैसों की बचत के बारे में नहीं है, बल्कि अपनी डिजिटल लाइफ को व्यवस्थित करने और मनोरंजन का पूरा मज़ा लेने के बारे में भी है, बिना जेब ढीली किए. अपनी जरूरतों के हिसाब से सब्सक्रिप्शन चुनें, क्योंकि प्रीमियम का मतलब हमेशा बेहतर नहीं होता. आखिर में, मेरा अनुभव कहता है कि थोड़ा सा ध्यान और थोड़ी सी प्लानिंग आपको एक कुशल OTT उपभोक्ता बना सकती है और आपके मनोरंजन के अनुभव को और भी यादगार बना देगी.
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖
प्र: इतने सारे OTT प्लेटफॉर्म्स में से मेरे लिए सबसे अच्छा कौन सा है, ये कैसे चुनें?
उ: मेरी मानो तो, सबसे पहले आपको यह देखना चाहिए कि आप और आपका परिवार किस तरह का कंटेंट देखना पसंद करते हैं. क्या आप सिर्फ हिंदी फिल्में और शोज देखते हैं, या हॉलीवुड या किसी और भाषा का कंटेंट भी आपकी पसंद है?
क्या आपको स्पोर्ट्स देखना पसंद है, या फिर डॉक्यूमेंट्री और किड्स कंटेंट? हर प्लेटफॉर्म की अपनी खासियत होती है. जैसे, अगर आपको बॉलीवुड का ढेर सारा कंटेंट और भारतीय वेब सीरीज़ देखनी है, तो शायद Disney+ Hotstar या Zee5 आपके लिए बढ़िया हों.
वहीं, हॉलीवुड और इंटरनेशनल कंटेंट के लिए Netflix या Prime Video अच्छा विकल्प हो सकते हैं. मैंने खुद देखा है कि अगर आप सिर्फ एक खास तरह का कंटेंट ही देखते हैं, तो उसी हिसाब से एक या दो प्लेटफॉर्म चुनना सबसे समझदारी वाला फैसला होता है.
अनावश्यक सब्सक्रिप्शन लेकर पैसे बर्बाद करने से अच्छा है कि आप अपनी पसंद को जानें और उसी के अनुसार चुनाव करें.
प्र: क्या OTT सब्सक्रिप्शन पर पैसे बचाने के कोई तरीके हैं?
उ: अरे हाँ, बिल्कुल! मैंने खुद ये तरीके आजमाए हैं और ये बहुत काम के हैं. पहला, हमेशा मंथली प्लान की बजाय एनुअल प्लान (सालाना योजना) देखें.
अक्सर एनुअल प्लान में काफी बचत हो जाती है. दूसरा, अगर आपके घर में एक से ज़्यादा लोग OTT देखते हैं, तो फैमिली प्लान या मल्टी-यूज़र प्लान सबसे बढ़िया होते हैं.
उनमें एक साथ कई डिवाइस पर देखने की सुविधा मिलती है और लागत भी कम आती है. तीसरा और मेरा पसंदीदा तरीका है, बंडल ऑफर्स का फायदा उठाना. कई टेलीकॉम कंपनियां या इंटरनेट प्रोवाइडर्स अपने प्लान के साथ फ्री OTT सब्सक्रिप्शन देते हैं.
मेरे एक दोस्त ने तो अपने ब्रॉडबैंड प्लान के साथ ही एक पॉपुलर OTT का सब्सक्रिप्शन पा लिया था, और उसे अलग से पैसे देने ही नहीं पड़े! चौथा तरीका है ‘रोटेटिंग सब्सक्रिप्शन’.
मतलब, एक महीने एक प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन लो, उसके सारे शोज और फिल्में देख लो, फिर उसे कैंसिल करके अगले महीने किसी और प्लेटफॉर्म का सब्सक्रिप्शन ले लो.
इससे आप कभी भी एक साथ ढेर सारे प्लेटफॉर्म्स का बोझ महसूस नहीं करेंगे.
प्र: ढेर सारे शोज और फिल्मों के बीच ‘डिजिटल थकान’ से कैसे बचें?
उ: ये ‘डिजिटल थकान’ तो आजकल हर दूसरे इंसान को हो रही है, मुझे भी हुई थी! जब आप देखते हैं कि लिस्ट खत्म ही नहीं हो रही और दिमाग में चलता रहता है कि “ओह, ये भी देखना है, वो भी देखना है,” तो सच कहूँ, मज़ा किरकिरा हो जाता है.
इससे बचने के लिए सबसे पहले एक वॉचलिस्ट बनाओ. उसमें सिर्फ वही शोज या फिल्में रखो जो आपने सच में देखने का प्लान किया है. दूसरा, टाइम लिमिट सेट करो.
खुद से कहो कि आज सिर्फ एक या दो एपिसोड ही देखूंगा, या एक फिल्म ही देखूंगा. मैंने खुद अनुभव किया है कि जब मैं ये करता हूँ, तो कंटेंट का ज़्यादा मज़ा आता है और मैं खुद को ओवरबर्डन महसूस नहीं करता.
तीसरा, कभी-कभी ब्रेक लेना भी ज़रूरी है. सारे शोज एक साथ देखने की होड़ में मत पड़ो. बाहर जाओ, दोस्तों से मिलो, कोई किताब पढ़ो, या बस शांति से बैठो.
यकीन मानो, कुछ दिनों बाद जब आप वापस आएंगे, तो OTT का अनुभव और भी बेहतरीन लगेगा. याद रखो, मनोरंजन आपकी खुशी के लिए है, बोझ बनने के लिए नहीं!






